मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब होने के बाद गोवा में कांग्रेस ने सरकार बनाने
को लेकर जद्दोजहद शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में सोमवार को कांग्रेस के
विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. इसके
बाद कांग्रेस नेता राजभवन में एक पत्र छोड़कर चले आए जिसमें उन्होंने
राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए मौका देने की मांग की है.
गोवा में कांग्रेस के 16 विधायक हैं. सरकार बनाने के
लिए मौका मांगने की खातिर इनमें से 14 विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे,
लेकिन किसी वजह से उनसे मुलाकात मुमकिन नहीं हो सकी. गोवा कांग्रेस के
प्रमुख चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, 'हमने राज्यपाल को दो ज्ञापन सौंपे हैं
और उनसे अनुरोध किया है कि 18 महीने के भीतर ही चुनाव से गुजरने की स्थिति
फिर पैदा नहीं होनी चाहिए. जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है. अगर
मौजूदा सरकार कार्य करने में सक्षम नहीं है तो हमें सरकार गठन का मौका दिया
जाए.'
कावलेकर ने कहा, 'राज्य में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
है, लेकिन हमें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया. आज उसका नतीजा देखिए कि
गोवा में सरकार किस तरीके से चल रही है. सरकार होते हुए भी नहीं है. इसलिए
हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया है.'
बता दें कि लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व रक्षा
मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को शनिवार को अखिल भारतीय
आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था. उनकी बिगड़ती तबीयत
को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि राज्य में उनकी जगह किसी अन्य
को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. मगर बाद में बीजेपी ने इन अटकलों को
खारिज कर दिया.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने इन सभी
अटकलों पर विराम लगा दिया. उनका कहना है कि राज्य की लीडरशिप में किसी तरह
का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. मनोहर पर्रिकर ही गोवा के मुख्यमंत्री हैं
और वो ही रहेंगे.
बीजेपी बोली- सरकार को खतरा नहीं
बीजेपी की एक केंद्रीय टीम ने बीमार चल रहे मुख्यमंत्री
मनोहर पर्रिकर की अनुपस्थिति में वैकल्पिक नेतृत्व के कयास के बीच सोमवार
को यहां गोवा के पूर्व विधायकों से मुलाकात की. यहां एक होटल में
सिलसिलेवार बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन)
राम लाल और उनके सहयोगी बी.एल. संतोष और विजय पुराणिक ने की.
पूर्व ऊर्जा मंत्री महादेव नाईक ने कहा, "हमने कहा है
कि मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहना चाहिए. यह अच्छे के लिए होगा.. वह
अपना इलाज करा रहे हैं और जल्दी या बाद में स्वस्थ हो जाएंगे. इस बात पर
कोई चर्चा नहीं हुई कि क्या किसी को प्रभारी बनाया जाएगा. हाई कमांड इस पर
निर्णय लेंगे."
बता दें कि पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे हैं.
पर्रिकर 6 सितंबर को ही अमेरिका से इलाज कराकर भारत लौटे हैं. वहां करीब एक
हफ्ते तक उनका इलाज चला था. इससे पहले मुख्यमंत्री पर्रिकर ने भारतीय जनता
पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध करते हुए कहा था कि राज्य के
नेतृत्व के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.
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