बिहार में आख़िरकार महागठबंधन ने अपनी सीटों की घोषणा कर दी है.
शुक्रवार
को पटना में महा
गठबंधन की तरफ़ से हुई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राजद की ओर
से राज्य सभा सांसद मनोज झा और कांग्रेस की तरफ़ से प्रदेश अध्यक्ष मदन
मोहन झा ने हिस्सा लिया.
पहले कहा गया था कि नेता प्रतिपक्ष
तेजस्वी यादव संवाददाता सम्मेलन करेंगे लेकिन वो नहीं आए.
मनोज झा ने कहा कि तेजस्वी यादव और गठबंधन के दूसरे बड़े नेता बाद में प्रेस से बात करेंगे.
राजद
प्रदेश अध्यक्ष
रामचंद्र पूर्व ने सीटों की घोषणा करते हुए कहा कि राजद
20, कांग्रेस 9, आरएलएसपी 5, हम 3, वीआईपी 3 सीटों पर लड़ेंगे.
आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र
कुशवाहा हैं जो हाल तक बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा थे और केंद्रीय राज्य मंत्री थे. पिछले साल एनडीए
छोड़कर उन्होंने बिहार के महागठबंधन का हिस्सा बनने का फ़ैसला किया था.
एनडीए में 2014 में उन्हें तीन सीटें मिली थीं लेकिन इस बार महागठबंधन ने उन्हें
पांच सीटें दी हैं. उन्हें कौन सी पांच सीटें मिली हैं अभी इसकी पूरी
जानकारी नहीं मिल सकी है.
उपेंद्र कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं. कुर्मी
और कोइरी समाज कुल मिलाकर लगभग 8-9 फ़ीसदी हैं और उन्हें अक्सर एक साथ जोड़कर देखा जाता है.
अब जबकि उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हो गए हैं तो ये देखना दिलचस्प होगा कि वो अपने समाज का कितना वोट ला पाते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते हैं.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं.
जीतन
राम मांझी
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बने थे जब नीतीश कुमार ने लोकसभा में अपनी पार्टी जनता दल-यू के ख़राब प्रदर्शन के बाद इस्तीफ़ा
दे दिया था.
और उस समय जेडी-यू के हिस्सा रहे मां
झी को मुख्यमंत्री बना दिया था. लेकिन बाद में मांझी और नीतीश के संबंध ख़राब हो गए और उन्हें
पार्टी से निकाल दिया गया.
मांझी ने फिर अ
पनी पार्टी बनाई और 2015 के विधान सभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा थे लेकिन उनका प्रदर्शन बहुत ही ख़राब रहा.
बाद
में वो भी एनडीए छोड़कर महागठबं
धन का हिस्सा बन गए. उन्हें तीन सींटे दी गईं हैं. मांझी दलितों के मुसहर समाज से आते हैं और उन्हें तीन सीटें इस
बुनियाद पर दी गई हैं कि वो एनडीए के दलित नेता
रामबिलास पासवान की काट बन सकें और महागठबंधन के लिए कम से कम ग़ैर-पासवान दलित वोटों को ला सकें.
वीआईपी के प्रमुख मुके
श साहनी हैं जो ख़ुद को 'सन ऑफ़ मल्लाह' कहलाना पसंद करते हैं.
मल्लाह और निषाद समाज में उनका कुछ प्रभाव है लेकिन उनको महागठबंधन से तीन सीट मिलना उनकी बड़ी सफलता मानी जा रही है.
राजद कोटा से सीपीआई(माले) को एक सीट दी गई है. लेकिन ये साफ़ नहीं है कि माले को कौन सी सीट दी गई है.
इससे ये भी साफ़ हो ग
या है कि सीपीआई इस गठबंधन में शामिल नहीं है यानी अब कन्हैया कुमार को गठबंधन से टिकट नहीं मिलेगा.
सीपीआई के बिहार प्रदेश सचिव
सत्यनारायण सिंह ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि सीपीआई को गठबंधन में शामिल नहीं किया गया है लेकिन कन्हैया कुमार
उनकी पार्टी की तरफ़ से बेगुसराय से चुनाव लड़ेंगे.
कन्हैया कुमार की तरफ़ से फ़िलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की भी घोषणा कर दी गई है.
गया
से जीतन राम मांझी, नवादा
से राजद की विभा देवी, जमुई से आरएलएसपी के भूदेव चौधरी, औरंगााबाद से हम के उपेंद्र प्रसाद चुनाव लड़ेंगे.
हैरत
की बात नहीं कि, आम लोगों के बीच कांग्रेस का
एकजुट चेहरा ही नज़र आ रहा
है, चाहे वो टैक्सी ड्राइवर हों या होटल कर्मचारी या फिर कल
पेट्टा में गुरुवार को राहुल गांधी के नामांकन पत्र भरने के दौरान खड़े आसपास के लोग
हों.
वायनाड से राहुल की उम्मीदवारी ने
अल्पसंख्यकों के एक वर्ग की माक्सवार्दी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की ओर जाती निष्ठा पर लगाम लगाने का
काम किया है.
"हमरी भारत सरकार
एक ठो उज्ज्वला योजना शुरू की है, जिसके तहत न , 5 करोड़ लोगों के घरों तक LPG कनेक्शन
पहुंचने का वादा किए हैं. ई योजना के तहत एक लाख लोगों को रोज़गार भी
मिलेगा. आपको पता है, अब कछु भी
नामुमकिन नाही है, सब कुछ मुमकिन है. और ई सब मुमकिन वो किए हैं, जो हम सबके बीच से ही निकल कर आए हैं."
ऊपर
लिखे शब्द आपको किसी एक पार्टी या सरकार के प्रचार
विज्ञापन के लग रहे होंगे. लेकिन हक़ीक़त में यह डायलॉग एक टीवी सीरियल के हैं.
'भाभी जी घर पर है' सीरियल
की मुख्य किरदार अंगूरी भाभी यह बातें सीरियल में अपने पति तिवारी जी से बोल रही हैं.
देश में लोक सभा चुनाव होने में कु
छ ही दिन बचे हैं. ऐसे में टीवी सीरियल में इस्तेमाल हो रहे ऐसे डायलॉग पर सवालिया निशान भी उठ रहे हैं.
इन
डायलॉग में हालांकि किसी पार्टी का नाम नहीं
लिया गया है लेकिन जिन योजनाओं का ज़िक्र किया जा रहा
है और 'एक व्यक्ति' की महानता का गुणगान किया जा रहा है उससे बड़ी ही आसानी से समझा जा सकता है कि यह किसका प्रचार
हो रहा है.
देश में इस समय भा
जपा की सरकार है और उसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में है. सीरियल में सुनाई दे रही सभी
योजनाएं मोदी सरकार का ही गुणगान कर रही हैं.
भाभी जी घर पर है सीरियल एंड टीवी चैनल पर आता है. 4 और 5 अप्रैल को प्रसारित किए गए इस शो में इन डायलॉग्स का इस्तेमाल किया गया.
ट्विटर
पर एक विक्टिम गोबराय ना
म से एक पैरोडी अकाउंट ने इस एपिसोड के इन दोनों
सीन को ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ''कल मैं
ने पाया कि मोदी ने अपना प्रचार करने के लिए नई जगह ढूंढ ली है.''
इस ट्विटर
अकाउंट से एक और ट्वी
ट किया गया जिसमें दूसरा सीन पोस्ट हुआ, ''गुरुवार के
एपिसोड में स्वच्छ भारत अभियान था तो शुक्रवार के एपिसोड में उज्जवला स्कीम
की तारीफ की गई है.'
इसी तरह एक और सीन में तिवारी जी अपने मोहल्ले के कुछ लड़कों को शहर में गंदगी फैलाने के लिए डांट लगा रहे हैं.
उनकी यह डांट भी बड़ी खास है, उसके शब्द कुछ इस तरह से हैं.
" शर्म करो,
एक वो आदमी है. जो दि
न रात देश की अखंडता-स्वच्छता की बात करता है. और एक तरफ तुम लोग हो. जिन्होंने पूरे कानपुर शहर को गंदगी का गोदाम बना रखा है."
"जब
कुछ साल पहले
स्वच्छता अभियान की बात छिड़ी थी, तब सिर्फ जागरुकता की कमी
की वजह से ये अभियान ठप्प पड़ गया था, लेकिन आज एक
कर्मठ नेता की वजह से ये अभियान फिर से एक्टिव हो गया है."
" तुमको पता है स्वच्छता अभियान के तहत 9 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है."
"आज की हमारी सरकार पूरे जोशो-खरोश से लगी हुई है कि भारत की अखंडता और एकता को खतरा न पहुंचे."
" आज एक कर्मठ, सुशील, ज्ञानी, अतुल
नीय पुरुष की वजह से हम स्वच्छता के वातावरण में सांस ले रहे हैं."